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ट्रंप ने भारत का क्या भला कर दिया’ आखिर शंकराचार्य ने क्यों कहा ऐसा?

जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने कहा कि ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में एक कार्यकाल बिता चुके हैं। उनके पिछले कार्यकाल में भारत का क्या हित हुआ था। अगर उनके पहले कार्यकाल में कोई हित हुआ तो हम और कामना करते हैं कि अबकी बार तो और भी ज्यादा होगा। शंकराचार्य को डर है कि ट्रंप शासन में अप्रवासी भारतीयों को वापस स्वदेश भेज दिया जाएगा।

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जगद्गुरु शंकराचार्य ने डोनाल्ड ट्रंप को लेकर सख्त टिप्पणी की।(फोटो सोर्स: जागरण)
आईएएनएस, नई दिल्ली। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) को लेकर जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सख्त टिप्पणी की है। 

उन्होंने बतौर राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल को याद करते हुए  कहा कि उनके राष्ट्रपति बनने से भारत और अमेरिका के रिश्तों में कुछ खास बदलाव नहीं आने वाला। वहीं, उन्हें ट्रंप द्वारा अप्रवासियों को लेकर उठाए जाने वाले संभावित कदमों पर चिंता भी जाहिर की है। 

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से ज्यादा खुश नहीं हैं शंकराचार्य

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में एक कार्यकाल बिता चुके हैं। उनके पिछले कार्यकाल में भारत का क्या हित हुआ था। अगर उनके पहले कार्यकाल में कोई हित हुआ तो हम और कामना करते हैं कि अबकी बार तो और भी ज्यादा होगा। 

उन्होंने आगे कहा, व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के रिश्ते कैसे हैं यह अलग बात है। एक कार्यकाल उनका बीत चुका है ऐसा कोई उल्लेखनीय योगदान भारत के लिए उनका नहीं रहा है। उन्होंने चुनाव के समय में घोषणा की है कि हम एक करोड़ बाहरी लोगों को बाहर करेंगे। कहीं, एक करोड़ में उनका भी (भारतीयों) का दो-चार लाख का नंबर आ गया तो दो चार लाख लोग और भारत वापस आएंगे। हो गया भला।’ 

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने से भारत पर क्या पड़ेगा असर?

डोनाल्ड ट्र्ंप ने अपने पहले कार्यकाल में भी भारत के खिलाफ कुछ आर्थिक कदम उठाए थे जैसे भारत को जेनेराइलज्ड सिस्टम ऑफ प्रीफ्रेंरेंसेज (जीएसपी) से हटा दिया था लेकिन अंतोगत्वा भारत पर इसका कोई उल्टा असर नहीं हुआ। 

ट्रंप प्रशासन की तरफ से उठाये जाने वाले कदम से भारत में आने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रभावित हो सकता है। मगर भारत अब पूर्व की तरफ सिर्फ अमेरिकी निवेश पर आश्रित नहीं है। 

 

ट्रंप की अमेरिका-फर्स्ट नीति भारतीय ट्रेड पर और ज्यादा दबाव डाल सकती है। चुनावी कैंपेन में ट्रंप बार-बार इस बात पर जोर देते आएं हैं कि विदेशों से आकर लोग अमेरिका में हर क्षेत्र में नौकरियां कर रहे हैं, जिसकी वजह से अमेरिकी नागरिक बेरोजगार हो रहे हैं। 

अमेरिका नागरिकों की बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को लेकर ट्रंप सरकार कोई सख्त कदम उठा सकती है, जिसका बुरा असर भारतीय लोगों पर पड़ सकता है

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